Sleep Talking - लोग सोते हुए बाते क्यो करते हैं?

Sleep Talking - लोग सोते हुए बाते क्यो करते हैं?

Sleep Talking - लोग सोते हुए बाते क्यो करते हैं?


दोस्तों अपने देखा होंगा कुछ लोग नींद में बोहोत बात करते है, इसे इंग्लिश में "Sleep Talking" कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हो आएसा होता क्यू है, क्यू लोग नींद में बाते करते है? तो चलिए जानते है इसके बारे में सरल और आसान भाषा में। 


असल में जब हम सोते है तो नींद (sleep) को 4 हिस्सों में बाटा जाता है -

पहेली 3 हिस्से होते है NREM स्लीप यानि नॉन - रैपिड ऑय मूवमेंट स्लीप (NON-RAPID EYE MOVEMENT SLEEP).

  • स्टेज 1 अवेक/ लाइट स्लीप (AWAKE/LIGHT SLEEP)
  • स्टेज 2 मोडराते स्लीप  (MODERATE SLEEP)
  • स्टेज 3/4 डीप स्लीप (DEEP SLEEP)

इसके बाद आति है स्टेज 4 REM स्लीप इस स्टेज में आपको नींद में सपने आते है। और आपकी ऑंखें बड़ी तेज़ी से हिलती रहती है। इसी लिए इस वजह से इसका नाम है रैपिड ऑय मूवमेंट स्लीप। करीब 4-7 घंटे आप एक रात में NREM स्लीप में गुज़रते हो और 1.5-2 घंटे REM स्लीप में अब किसी भी स्टेज के बिच में या REM स्लीप में आपको स्लीप टॉकिंग होसकती है। आम तौर पर आपको सपने आते है तो आपका दिमाग आपके MOTOR NEURONS को डीएक्टिवेट कर देता है ताके आपके हाथ पेअर न हिल पाए जब आपको सपने आते हो, इसके लिए आपके दिमाग में बोहोत ताकतवर NEUROTRANSMITTER निकलते है। लेकिन कभी कभी न्यूरो-ट्रांसमीटर के रिलीज़ होने में नाकामी होती है तो आपकी बॉडी कुछ मूवमेंट्स कर लेती है । जैसे की आपके मुहं की मूवमेंट और VOCAL CHORDS का हिलना, जिससे आप बोलते है नींद के दौरान। 

आम तौर पर कहा जाये तो स्लीप टॉकिंग को लिंक लिया गया है आप की रोज़ मरहा की ज़िन्दगी में ज़्यादा तनाव और Anxiety का होना, इसके अलावा अल्कोहल, कैफीन, और ज़्यादा  स्क्रीन टाइम बेड पर सोने से पहले उससे भी स्लीप टॉकिंग ज़्यादा होती है।  


नींद में बोलने को रोकने के लिए कुछ सरल उपाय हैं।


अच्छी नींद पाएं: अपने दिन की थकान को दूर करने के लिए रात को 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें।

तनाव को कम करें: दिनभर के तनाव को कम करने के लिए योग और मेडिटेशन का प्रयास करें।

संतुलित आहार: सेहतमंद आहार लें और रात को भारी भोजन से बचें।

उचित प्रायोगिक दिनचर्या: रात को सोने से पहले गरम दूध पीने, संगीत सुनने या ध्यान करने जैसी शांतिप्रद क्रियाएं करें।

सोते समाये ज़्यादा मोबाइल फ़ोन्स का इस्तेमाल न करे, और हानिकारक जहिजो को खाना बंद करे। 


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दोस्तों उम्मीद करता हूँ के आपको समझ आया होंगा की क्यू लोग नींद में बात करते है अगर आपको ये लेख पसंद आया हो तो इसे अपने फॅमिली और दोस्तों के साथ शेयर करे टेक उन्हें भी नींद में बाते करने का राज़ पता चले थैंक यू। 

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